ये ऐसा सवाल है जो मुझसे सबसे ज़्यादा पूछा जाता है। मैं जवाब देने की कोशिश करता हूँ।
1. Weekend:
अगर आपका ऑफिस 5 day है तो आपको साल भर में करीब 52 शनिवार और 52 रविवार मिलते हैं। आप इन 104 दिनों को अलग अलग नहीं एक साथ जोड़कर देखिये कि आपके पास 3 महीने से ज़्यादा का समय है। माना आप कुछ वीकेंड में घूमने जाएंगे फिर भी आपके पास कुल 30 दिन ऐसे होंगे ही जब आप बस घर पर रिलैक्स करते होंगे।
2. Holidays:
जब भी आप ऑफिस में छुट्टी लीजिये तो कोशिश करिए कि वो वीकेंड से क्लब हो रहा हो। उससे होगा क्या कि अगर आपका लिखने का फ्लो बन गया तो आपको दो दिन एक्सट्रा मिल जाएंगे। कई बार लिखने बैठने में और एक्चुअल लिखाई शुरू होने में एक दो दिन निकल जाते हैं।
3. Focus:
“Just cut yourself off from the debates over social media, those are useless. Your time is too precious for yourself. No Modi, No Rahul Gandhi, No Kejriwal No trending news deserves your time more than you do”. (सबसे ज़्यादा टाइम यहीं वेस्ट होता है)
4. Travel:
अगर आपके ऑफिस का काम ऐसा है जिसमें आपको ट्रैवल करना पड़ता है तो और भी बढ़िया। कोशिश करिए कि आपका ट्रैवल वीकेंड के साथ क्लब हो जाए। वहाँ जाइए और होटल में रहने की बजाये वहाँ के लोगों के साथ रहने की कोशिश करिए।
5. जिद्दी:
नौकरी के साथ लिखना ऐसे है जैसे एक साथ दो नौकरियाँ करना। किताबें टैलंट की वजह से कम अपनी जिद्द की वजह से पूरी होती हैं। इसलिए अपने आप को ये टाइम देकर रखिए कि अगले 3 महीने में या 5 महीने में किताब का पहला ड्राफ्ट लिख लेंगे। एक बार अपने मन में ये मान लीजिये फिर किसी बच्चे की तरह जिद्दी हो जाइए।
इस टॉपिक पर मैं और डीटेल के साथ लिखने वाला हूँ। अगर आपको ये आर्टिक्ल अच्छा लगा हो तो अपने अपने दोस्तों से शेयर करना मत भूलिएगा।
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