किताब कैसे लिखें?

किताब कैसे लिखें?

ये सवाल मुझसे और मेरे नयी वाली हिन्दी लिखने वाले दोस्तों (सत्य व्यास, निखिल सचान, आशीष चौधरी, नीलोत्पल मृणाल इत्यादि) से सबसे ज़्यादा पूछा जाता है।

मैं आपको पहले ही बता दूँ कि मेरा जवाब आपको निराश करेगा!

किताब कैसे लिखें से ज़्यादा जरूरी सवाल है कि किताब क्यों लिखें?

  1. पैसा: अगर आपको लगता है कि किताब लिखकर आप अमीर हो सकते हैं तो ये ख़याल अपने मन से निकाल दें क्यूंकि कम से कम हिंदुस्तान में किताब लिखकर अमीर होने वाले लेखक गिनती के हैं। आप टीवी के लिए लिखें, फिल्म लिखें, वहाँ पर बहुत पैसा है।
  2. फ़ेम: एक किताब लिखकर आने में अच्छा खासा टाइम लगता है। उसके बाद भी किताब चले न चले। हिन्दी में किताब लिखने के बाद कोई 1 लाख तो बिकती नहीं हैं। कोई टीवी वाला आपको अपने इंटरव्यू में बुलाएगा नहीं। फेमस होना ऐसे ही इतना आसान है कि आप किसी को भी गाली देते हुए एक वीडियो बनाकर डाल दीजिये आप जल्दी और ज़्यादा फेमस हो जाएंगे।   
  3. शो-ऑफ: मैं बहुत से ऐसे लोगों से मिलता हूँ जिन लोगों ने किताब बस दिखाने के लिए लिखी है। सोशल मीडिया या अखबार में आर्टिकल लिखते थे। बहुत आर्टिकल हो गए उनको छपवा दिया। पत्रकार हैं थोड़ा PR हो जाएगा। सोशल मीडिया पर फॉलोइंग है तो किताब लिख दो इतने लोग स्टेटस पढ़ते हैं वो किताब खरीद भी लेंगे। इन सब वजहों से आप किताब लिखना चाहते हैं तो ज़रा सोचें सही में आप केवल शो ऑफ के लिए लिखना चाहते हैं। आपका जो कुछ भी लिखा हुआ अगर एक बार पब्लिक डोमेन में है तो उसको किताब में छपवा देना भर अपने पाठक को धोखा देना है।
  4. लेखक लाइफस्टाइल: बहुत सारे लोगों को ये भ्रम है कि रायटर की लाइफ स्टाइल मतलब कि किसी पहाड़ पर जाकर हसीं वादियों में कम्प्युटर के सामने बैठना है और चाय की चुसकियाँ लेते हुए सिगरेट के कश मारते हुए सोचते रहना है। शाम को व्हिस्की, वोड्का या रम पीते हुए आपके पास आपकी कोई फ़ैन होगी जो आपकी हर बात से इम्प्रेस हो रही होगी। उसको भी ये यकीन नहीं हो रहा होगा कि आप इतने बड़े रायटर होते हुए भी कितने डाउन तो earth, कितने approachable हैं। आपको भी यकीन नहीं हो रहा होगा कि ऐसा मैंने लिख क्या दिया है कि इन मोहतरमा को इतना टच कर गया है। भगवान करे लेखक की जिंदगी ऐसी हो लेकिन ऐसा होता वोता है नहीं।

मार्केज़ ने शायद किसी इंटरव्यू में कहा था कि वो किताब इसलिए लिखते हैं ताकि उनको लोग प्यार करें। आप अपनी वजह देखिये कि सही में किताब लिखकर आपको चाहिए क्या।? जिस दिन आपको किताब लिखने की अपनी वजह मिल जाये उस दिन आप अपनी पहली किताब का पहला अक्षर लिखिएगा। अगर वो वजह सच्ची होगी न तो लोग किताब ज़रूर पढ़ेंगे और अगर वजह सच्ची होगी तो चाहे दुनिया में एक भी आदमी आपकी किताब न पढ़े तो भी आपकी किताब बेस्ट सेलर होगी। लेकिन अगर वजह झूठी होगी और फिर भले आपकी किताब लाखों में बिककर बेस्टसेलर हो जाये आपको शांति नहीं मिलेगी।

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Cheers.

 

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