अपनी किताब की मार्केटिंग कैसे करें?

हिन्दी में लिखने वाले लोग दो कैटेगरी में हैं – एक जिनको लगता है किताब की मार्केटिंग करनी चाहिए और दूसरे वो जिनको लगता है जो लेखक अपनी किताब की मार्केटिंग करते हैं वही लोग इस दुनिया को बर्बाद कर रहे हैं!

मैं इस बहस में आपका और अपना टाइम खराब नहीं करना चाहता कि किताब की मार्केटिंग करनी चाहिए या नहीं। मार्केटिंग का कुल मतलब इतना ही है कि आपने जो किताब लिखी है उसके बारे में ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को पता चले। ज़्यादा लोगों को पता चले उसके लिए कुछ तरीके मैं बताता हूँ।

मुझे उम्मीद है कि इन तरीकों को अपना कर आपको किताब प्रोमोट करने में मदद मिलेगी।

  1. देखिये हम कोई भी चीज तभी खरीदते हैं जबकि हमें भरोसा होता है कि फलानी चीज़ काम की है। किताब के लिए भी ये बात सच है। इसलिए अगर आपकी पहली किताब आ रही है तो अभी दुनिया में लोगों को आपकी लिखाई पर भरोसा नहीं है। ऐसे में जो आपका करीबी गैंग/ दोस्त है, उनको आप बोलें कि वो अपने सोशल मीडिया पर आपकी किताब का लिंक शेयर करें। शेयर करते हुए कुछ अपनी तरफ से एक दो लाइन ही सही लिखें। अगर आपके दस दोस्त एक साथ लिंक शेयर करते हैं तो इससे भी किताब को लेकर buzz बनता है।
  2. आप किताब आने से पहले ही कुछ लोगों को कुछ चैप्टर ईमेल कर दें। इससे क्या होगा कि अगर आपकी किताब सही लगेगी तो अपने आप लोग उसके बारे में लिखेंगे।
  3. किताब की कहानी से पहले लोग आपमें इंटेरेस्टेड होने चाहिए। आप ऐसे समझिए कि आपको  किसी लड़के या लड़की के साथ डेट पर जाना है। उस लड़की या लड़के के पास 10 और ऑप्शन है। आप जब भी अपने बारे में लिखें तो ऐसा लिखें कि आपसे मिलने का मन करे। हम में से ज़्यादातर  लोग ordinary ज़िंदगी जीते हैं लेकिन फिर भी उसमें कुछ न कुछ ऐसा खास होता ही है। आप अपनी किताब के आखिरी पन्ने को इस तरह लें। amazon पर about author में इस  तरह लिखें कि सामने वाला आपको आपकी किताब के थ्रू जानना चाहे। जैसे मेरी पहली किताब जब आने वाली थी तो एक दोस्त ने सुझाया था कि “ये दिव्य प्रकाश दुबे हैं, इनके मार्केटिंग वाले दोस्तों को लगता है कि ये लिख अच्छा लेते हैं मार्केटिंग तो बस ऐसे ही है जबकि इनके लिखने वाले दोस्तों को लगता है कि ये मार्केटिंग अच्छी कर लेते हैं लेखक तो ऐसे ही हैं” ऐसा ही कुछ मैंने ज्ञान चतुर्वेदी की  किताब के पीछे भी पढ़ा है,”इनके डॉक्टर दोस्त समझते हैं कि ये लेखक अच्छे हैं जबकि इनके लिखने वाले दोस्त समझते हैं कि ये डॉक्टर अच्छे हैं”
  4. कोशिश करें कि किताब को लेकर आपके दोस्त लोग अपनी फोटो डालें। इससे आपके अपने दोस्तों के सर्कल के बाहर भी आपकी किताब की बात जाएगी। किताब का आपका अपने सर्किल से बाहर जाना बहुत ज़रूरी है। आपके सारे दोस्त तो किताब नहीं पढ़ते लेकिन किताब पढ़ने वाले लोगों तक किताब की जानकारी पहुँचाना ही किताब को ज़्यादा सफ़ल बनाता है।
  5. किसी भी बड़े लेखक या फिल्मवाले को बुलाने की बजाए, आप उन पैसों से किताब के पंच लाइन्स को डिज़ाइन करके पेड प्रोमोट करें उससे क्या होगा कि आपके दोस्तों के बाहर की  दुनिया में भी आपकी किताब जाएगी।
  6. अगर आपकी किताब एक ऐसे लड़के के बारे में है जो ऑटो चलाता है तो कोशिश करें कि आप दस ऑटो वालों की बाइट लें अपने मोबाइल के कैमरा से और उसका वीडियो बनाकर डालें। अगर आप अपनी किताब के कैरक्टर से लोगों को सही से पहचान करवाने में सफल हो गए तो लोग आपकी किताब जरूर हाथो हाथ लेंगे। कैरक्टर में इंटरेस्ट तभी आता है जब आप उसके बारे में ऐसे बताएं कि लोग उसके बारे में और जानना चाहें। तो ये बात आपको ध्यान रखनी होगी कि आप सब कुछ बताकर भी कुछ कुछ छुपा लें जाएँ जिसके लिए लोग किताब लें।
  7. आप दस लोगों को बोलेंगे तब जाकर 2 लोग आपकी किताब के बारे में लिखेंगे लेकिन इस बात से निराश होने की ज़रूरत नहीं हैं। आपको किताब आने के एक साल में अगर 200-300 लोग भी ऐसे मिले जिनको आपकी किताब पसंद आई तो वो लोग आगे 200 लोगों तक आपकी किताब की बात पहुँचायेंगे।
  8. किताब आने के समय आप कोई controversy करें ये भी एक तरीका होता किताब की मार्केटिंग का लेकिन मुझे ये तरीका ठीक नहीं लगता। क्यूंकि लोगों का ध्यान किताब से ज़्यादा controversy में चला जाता है। जिससे लॉन्ग रन में आपको नुकसान ही होगा। वैसे भी ये तरीका तब काम करता है जब आप पहले से celebrity हों।
  9. हमेशा जब आप अपनी किताब का लिंक डालें तो उसको bitly से छोटा करके डालें। उससे आपको पता चलता रहेगा कि कितने लोगों ने आपकी किताब के लिंक पर क्लिक किया है।
  10. अपने पब्लिशर को भी मार्केटिंग में involve करें। उसका काम बस ये नहीं है कि किताब छापकर दे दी। अपने पब्लिशर से भी मार्केटिंग का प्लान मांगे। किताब में लिखी कहानी भले प्रॉडक्ट न हो लेकिन किताब एक प्रॉडक्ट होती है। आप जिस कॉलेज के पढे हैं वहाँ पर alumni टीम से बात कर के सबको ईमेल भिजवाएँ। अपने ऑफिस में भी HR से बात करके एक ईमेल करवा सकते हैं। देखिए हर कोई जो किताब के बारे में शेयर करेगा वो किताब नहीं पढ़ेगा लेकिन उसके किताब के बारे में लिखने से किताब उन लोगों तक पहुंचेगी जो शायद आपकी कहानी में इंटरेस्ट लें।
  11. हर किताब अलग होती है इसलिए हर किताब की मार्केटिंग के बारे में अलग अलग चीजें करनी चाहिए। जैसे अमिश त्रिपाठी ने पहली किताब की मार्केटिंग जैसे की थी वैसे वो अब नहीं करते। तरीके समय के साथ बदलते रहते हैं और बदलते रहने चाहिए।
  12. किताब के कुछ चैप्टर वैबसाइट पर फ्री download के लिए डालें। एक तरीका ये भी है कि आप अपनी कुछ कहानियाँ फ्री में डाल दें और आखिर में paytm नंबर डाल दें। कि अगर किताब सही लगे तो जितना मन चाहे पैसा आप भेज सकते हैं। ऐसा करके मेरे एक दोस्त ने अपनी गुजराती किताब से करीब 60 हज़ार रुपये कमाये।

मार्केटिंग के नए तरीके आते रहेंगे और आपको हमेशा सोचते रहना पड़ेगा। क्या पता कौन सा तरीका चल जाए। आखिरी बात, आप चाहे कितनी भी मार्केटिंग कर लीजिये किताब हमेशा वर्ड ऑफ माउथ से ही चलती है। इसलिए मार्केटिंग का तो ध्यान रखें ही, ये भी सोचें कि आपको बेहतर से बहतर कहानी कैसे लिखनी है, ऐसी कहानी जो लोग पढ़ना चाहते हैं।

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